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लेखनी कहानी -13-Nov-2022 खत

वो महज एक "खत" नहीं होता था 
किसी के सपनों का संसार होता था
किसी की धड़कनों का साज होता था
तो उससे कोई उम्मीदें पिरोता था । 
"पोस्टमैन" शब्द सुनते ही 
दिल में सैकड़ों घंटियां बज जाती थी 
उमंगें द्वार तक दौड़ी चली जाती थी 
पोस्टमैन देवदूत नजर आता था 
प्रेम से "खत" हाथ में पकड़ाता था 
लिफाफे से मजमून भांपने की कोशिश करते थे 
सबके चेहरों पर अनेक सवाल उभरते थे 
कभी शादी , कभी नये मेहमान की सूचना होती थी 
कभी आंखें नम करने वाली बात लिखी होती थी 
बड़ों के आशीर्वाद की महक आती थी खत से 
मां के खाने के स्वाद की लहक आती थी खत से 
किसी की काजल की सियाही दिखती थी उसमें 
सुर्ख लबों की लाली झलकती थी उसमें 
भावनाओं का समंदर बहता था 
पढकर दिल मस्त कलंदर सा झूमता था 
कितने रंगीन सपने सजने लगते थे 
खत के एक एक अक्षर अपने लगते थे 
मिलन का पैगाम लेकर आता था 
शब्दों से नशीला जाम पिला जाता था 
एक बार पढने से जी नहीं भरता था 
बार बार सिरहाने से निकाल पढने को जी करता था 
खत पे लिखा उसका नाम दिल पे छ्प जाता था 
शेरो शायरी लिखने में माथा पूरा खप जाता था 
अब तो उसकी यादें ही बाकी रह गई 
मोबाइल के दौर में खत से आशिकी अधूरी रह गई 

श्री हरि 
13.11.22 


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7 Comments

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 07:35 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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बहुत सुन्दर 💐🌸👌

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Haaya meer

13-Nov-2022 06:54 PM

Nice

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